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जिले में खरीफ सीजन के लिए उर्वरक की हो रही पर्याप्त आपूर्ति

एमसीबी जिले में खरीफ सीजन प्रारंभ होते ही कृषकों द्वारा खाद एवं बीज की मांग की जा रही है। जिसकी आपूर्ति हेतु जिले की सहकारी समितियों में खाद बीज का पर्याप्त भण्डारण है। जिले में यूरिया की उपलब्धता 3081.90 मि.टन, डीएपी की उपलब्धता 721.55 मि.टन, एनपीके की उपलब्धता 1459.20 मि.टन, एसएसपी की उपलब्धता 349.35 मि. …
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एमसीबी
 जिले में खरीफ सीजन प्रारंभ होते ही कृषकों द्वारा खाद एवं बीज की मांग की जा रही है। जिसकी आपूर्ति हेतु जिले की सहकारी समितियों में खाद बीज का पर्याप्त भण्डारण है। जिले में यूरिया की उपलब्धता 3081.90 मि.टन, डीएपी की उपलब्धता 721.55 मि.टन, एनपीके की उपलब्धता 1459.20 मि.टन, एसएसपी की उपलब्धता 349.35 मि. टन, पोटाश की उपलब्धता 234.95 मि.टन है। जिसके विरुद्ध सहकारी समितियों में अब तक यूरिया का भण्डारण 2094.56 मि.टन, डीएपी का भण्डारण 616.55 मि.टन, एनपीके का भण्डारण 1368.10 मि.टन, एसएसपी 325.35 मि.टन, पोटाश 156.85 मि.टन इस प्रकार समस्त उर्वरकों का भण्डारण 4702.52 मि.टन हुआ है। अब तक जिले के कृषकों द्वारा यूरिया 2013. 56 मि.टन.. डीएपी 491.20 मि.टन, एनपीके 1312.25 मि.टन, एसएसपी 190.35 मि.टन एवं पोटाश 120.7525 मि.टन कुल 4128.11 मि.टन, उर्वरक का उठाव किया गया है। कृषक की मांग को ध्यान में रखते हुए सहकारी समितियों में नियमित रूप से उर्वरक का भण्डारण किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए नैनो डीएपी 804 लीटर का भण्डारण किया गया है तथा अब तक 114 लीटर नैनो डीएपी का वितरण कृषको को किया जा चुका है। जिले की प्रमख सहकारी समितियों जैसे चैनपुर, बरबसपुर, केल्हारी, जनकपुर, खड़गवां एवं कोड़ा व विकासखण्ड की अन्य समितियों में उर्वरक की उपलब्धता बनी हुई है। कृषि विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी किसान को खाद की कमी न हो। उर्वरक के उठाव होने के साथ साथ भण्डारण की कार्यवाही भी की जा रही है। आने वाले समय में उर्वरक की कमी नहीं होगी।

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