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रायपुर : डबरी निर्माण से बदली सूरत कुमारी की किस्मत, खेती और मछलीपालन से बढ़ी आमदनी

रायपुर : डबरी निर्माण से बदली सूरत कुमारी की किस्मत, खेती और मछलीपालन से बढ़ी आमदनी बहुफसली खेती से पूरे वर्ष मिल रहा लाभ रायपुर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत सरगुजा जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए डबरियों का निर्माण लगातार लाभकारी साबित हो रहा है। सरगुजा …
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रायपुर : डबरी निर्माण से बदली सूरत कुमारी की किस्मत, खेती और मछलीपालन से बढ़ी आमदनी

बहुफसली खेती से पूरे वर्ष मिल रहा लाभ

रायपुर

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत सरगुजा जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए डबरियों का निर्माण लगातार लाभकारी साबित हो रहा है। सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम कुम्हरता की सूरत कुमारी भी इसी का सफल उदाहरण हैं, जिन्होंने मनरेगा अंतर्गत अपने खेत में डबरी बनवाकर अपनी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल दिया है।

मनरेगा के माध्यम से डबरी निर्माण की जानकारी मिलते ही सूरत कुमारी ने रोजगार सहायक से संपर्क कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया। वर्ष 2024-25 में उन्हें 2.99 लाख रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई और उन्होंने 30×30 आकार की डबरी का निर्माण कराया। वर्तमान में डबरी में लगभग छह फीट पानी भरा है, जो सालभर उनकी खेती को सहारा दे रहा है।

सूरत कुमारी के पास तीन एकड़ कृषि भूमि है, जहां पहले केवल बारिश के मौसम में धान की खेती हो पाती थी। गर्मी और सर्दी में सिंचाई की सुविधा न होने के कारण खेत खाली पड़े रहते थे। लेकिन डबरी बनने के बाद अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। उनकी भूमि पर अब सालभर बहुफसली खेती हो रही है। वे सब्जी, गेहूं, अरहर सहित कई फसलें ले रही हैं, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

डबरी निर्माण से 1231 मानव-दिवस का रोजगार भी सृजित हुआ, जिससे गांव के कई लोगों को काम मिला। खेती के साथ-साथ सूरत कुमारी ने डबरी में मछलीपालन भी शुरू कर दिया है। उन्होंने इस साल पांच किलो मछली बीज डाला है, जिनकी ग्रोथ संतोषजनक है और इससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है।

सूरत कुमारी बताती हैं कि डबरी निर्माण ने उनकी आजीविका को सुरक्षित और स्थायी बना दिया है। खेती-बाड़ी के साथ-साथ अब मछलीपालन उनकी आय का नया स्रोत बन गया है। उन्होंने शासन की इस योजना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि अब वे खुद अन्य ग्रामीणों को भी योजना का लाभ लेने प्रेरित कर रही हैं।

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