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स्‍वर्ण बिन्‍दु की प्रत्‍येक बूंद में 1.6 मि.ग्रा. स्‍वर्ण भस्‍म है। बालकों की आयु के अनुसार उनको अलग-अलग मात्रा में स्‍वर्ण बिन्‍दु पिलाया जाता है।

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  बालकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उनको विविध रोगों से बचाने एवं उनके बेहतर शारीरिक एवं मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य तथा स्‍वर्णप्राशन संस्‍कार विगत शनिवार को शासकीय स्‍वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्‍सालय ग्‍वारीघाट जबलपुर में संस्‍था के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. एल.एल. अहिरवाल के निर्देशन में संपन्‍न हुआ। इस दौरान शिशु एवं बालरोग विभाग के डॉ. गीता पाण्‍डेय एवं डॉ. सुनील कुमार जैन के द्वारा बच्‍चों का परीक्षण कर स्‍वर्ण बिन्‍दु (स्‍वर्ण भस्‍म, गौ घृत एवं शहद) पिलाया गया। स्‍वर्ण बिन्‍दु की प्रत्‍येक बूंद में 1.6 मि.ग्रा. स्‍वर्ण भस्‍म है। बालकों की आयु के अनुसार उनको अलग-अलग मात्रा में स्‍वर्ण बिन्‍दु पिलाया जाता है।       यह स्‍वर्ण प्राशन कार्यक्रम संस्‍था में फरवरी 2014 से निरंतर चल रहा है। अभिभावकों का कहना है कि जबसे हम अपने बच्‍चे का स्‍वर्ण प्राशन करा रहे है। तब से हमें यह विशेष लाभ दिखा कि हमारे बच्‍चे बीमार नहीं पड़ रहे है कई बालक जो मानसिक रूप से तथा जिनकी स्‍मृति (याददस्‍त) भी कमजोर है उनमें भी अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त हो रहे है। बालकों के वर्ण को भी निखारता है, पाचन सुधारता है एवं हाईट तथा हेल्‍थ दोनों के लिए बेहतर है। 

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