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आयुष्मान योजना अन्तर्गत शीला का सप्ताह में दो बार निःशुल्क डायलेसिस जिला चिकित्सालय उज्जैन की डायलेसिस युनिट में किया जा रहा है। अब उनके परिवार को पहले से काफी राहत है

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 उज्जैन शहर के वेदनगर निवासी श्री नाथूलाल खत्री हमेशा चिन्ता में डुबे रहते थे, उनकी पत्नी श्रीमती शीला खत्री उम्र 50 वर्ष किडनी की बीमारी से विगत कई वर्षो से पीड़ित है, इस बीमारी के कारण प्रायः उनकी पत्नि बीमार रहती थी। उनके पूरे शरीर में सूजन बनी रहती थी, ऐसी स्थिति में इस उम्र में जो सामान्य कार्य एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा किये जाते है वे शीला नही कर पाती थी। प्रायवेट अस्पताल में दिखाने पर चिकित्सकों द्वारा उनकी किडनी में खराबी होना बताया गया तथा तुरन्त ही उन्हें डायलेसिस की आवश्यकता बताई गई ताकि शीला को बचाया जा सके। परिवार द्वारा इधर-उधर से कुछ रूपयों की व्यवस्था कर प्रायवेट अस्पताल में शीला का डायलेसिस करवाया गया। जब सप्ताह में दो बार डायलेसिस की आवश्यकता पड़ने लगी और इसका खर्च 4000 से 5000 हजार प्रति सप्ताह आने लगा तो पूरा परिवार मानसिक चिन्ता में पड़ गया।

      आर्थिक रूप से कमजोर होने कारण बड़ी ही आशा के साथ नाथूलाल उनकी पत्नी को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां पर चिकित्सक डॉ.मधुसूदन राजावत द्वारा उनको बताया गया कि वे जिला चिकित्सालय में ही स्थापित आयुष्मान कक्ष क्रमांक 6 पर संपर्क करें। इसके बाद शीला का पंजीकरण आयुष्मान योजना अन्तर्गत किया गया, वे इसके लिये पात्र थी। आयुष्मान योजना अन्तर्गत शीला का सप्ताह में दो बार निःशुल्क डायलेसिस जिला चिकित्सालय उज्जैन की डायलेसिस युनिट में किया जा रहा है। अब उनके परिवार को पहले से काफी राहत है कि सप्ताह में दो दिन डायलेसिस का खर्च 3000/-रू प्रति सप्ताह आयुष्मान भारत निरामयम योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा वहन किया जा रहा है। निकट भविष्य में शीला के बेहतर स्वास्थ्य लाभ होने की आशा है। नाथुलाल इस योजना का लाभ मिलने से बेहद खुश है उनकी पत्नी को शारीरिक पीड़ा नहीं होती उनकी पत्नी अब पहले से बेहतर महसूस कर रही है।

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