उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए है कि सभी महाविद्यालय परिवहन व्यवस्था आगामी जुलाई माह से अनिवार्य रूप से लागू करें।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए है कि सभी महाविद्यालय परिवहन व्यवस्था आगामी जुलाई माह से अनिवार्य रूप से लागू करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों खास कर छात्राओं को आवागमन में परेशानी न हो, इसलिए सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय गंभीरता से इस व्यवस्था को लागू करें। मंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 6 विश्वविद्यालय रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। इन विश्वविद्यालयों द्वारा 27 पेटेंट प्रगतिशील है। छात्रों द्वारा किए जा रहे इनोवेशन का प्रचार-प्रसार अनिवार्य रूप से किया जाये। उनकी वीडियो बना कर सोशल मीडिया से प्रचारित करें।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री के.सी. गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया जा चुका है। अन्य राज्यों में स्थापित 12 कौशल विश्वविद्यालयों और संस्थानों का अध्ययन कर उनमें संचालित किए जा रहे पाठ्यक्रमों के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया गया है। श्री गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2019-2020 के नियुक्त 2848 सहायक प्राध्यापकों में से प्रथम चरण में 674 सहायक प्राध्यापकों/ग्रंथपालों/क्रीड़ा अधिकारियों की परिवीक्षा समाप्ति के आदेश जारी हो चुके हैं। 862 सहायक प्राध्यापकों/ग्रंथपालों/क्रीड़ा अधिकारियों के शैक्षणिक अभिलेखों का सत्यापन हो चुका है। इनमें से 175 प्रकरणों में पुलिस सत्यापन पूर्ण कर सूची परिवीक्षा समाप्त करने के लिए शासन को भेजी गई है। शेष 1291 प्रकरण में पुलिस और अभिलेखों के सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है।