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स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में जापानी मस्तिष्क ज्वर से बचाव के लिए 25 मार्च से जेई (जापानीज इंसेफेलाइटिस) टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में जापानी मस्तिष्क ज्वर से बचाव के लिए 25 मार्च से जेई (जापानीज इंसेफेलाइटिस) टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें 09 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।। इस संबंध में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में कलेक्टर श्री अरविंद दुबे द्वारा जेई अभियान के सफल एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए विस्तार से चर्चा करते हुए उपस्थित सीएमएचओ, सिविल सर्जन, अधिकारियों, बीएमओ तथा चिकित्सकों को दिशा-निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री दुबे ने कहा कि जेई अभियान की सफलता के लिए सभी संबंधित विभागों से समन्वय कर माईक्रो स्तर पर प्लानिंग की जाए तथा मैदानी अमले को प्रशिक्षण भी दिया जाए। साथ ही नागरिकों को भी जापानी मस्तिष्क ज्वर, इसके लक्षण तथा बचाव हेतु टीकाकरण की महत्ता बताई जाए, जिससे कि वह जागरूक रहें। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से समुचित प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि अभी जिले में जापानी मस्तिष्क ज्वर का कोई प्रकरण नहीं हैं, लेकिन इससे बचाव के लिए सजगता और टीकाकरण जरूरी है। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए समन्वय और जनजागरूकता जरूरी होती है। सभी अधिकारी और कर्मचारी अभियान के तहत सौंपे गए दायित्वों का सभी पूरी गंभीरता से पालन करें, किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के टीकाकरण संचालक डॉ संतोष शुक्ला ने जेई अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि जिले में 25 मार्च से अभियान चलाकर 09 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को जेई टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जापानी मस्तिष्क ज्वर से बचाव के लिए सुरक्षित और प्रभावी जेई टीके उपलब्ध हैं। नागरिकों को इस बीमारी, इसके लक्षण तथा उपचार के बारे में जागरूक करना होगा। उन्हें समझाना होगा कि बीमारी से डरने की जरूरत है, टीके से नहीं। यह फ्लेविवायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है, जो मस्तिष्क के आसपास की झिल्लियों को प्रभावित करती है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस भी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का एक प्रमुख कारण है। यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। इसमें अचानक सिरदर्द, तेज बुखार, कोमा में जाना, कंपकंपी और आक्षेप जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस रोग से बचाव के लिए रोग से बचाव के लिये सुरक्षित और प्रभावी जेई टीके उपलब्ध हैं। बैठक में सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री तथा जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सोमनदास ने जिले में जेई अभियान के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में एक से 06 वर्ष तक के लगभग 134869 बच्चों तथा 6 से 15 वर्ष तक की आयु के 250692 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एएनएम सहित अन्य मैदानी अमले द्वारा घर-घर जाकर, आंगनवाड़ियों, स्कूलों में जाकर जानकारी दी जाएगी तथा टीकाकरण भी किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर पर ग्राम स्तर पर बैठक तथा कार्यशाला आयोजित की जाएगीं तथा अमले को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस अभियान की प्रत्येक स्तर पर सघन मॉनीटरिंग की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी श्री दीपक संकत, सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के उप संचालक कोल्ड चेन श्री विपिन कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी, बीएमओ तथा चिकित्सक उपस्थित रहे। मीजल्स एवं रूबेला से मुक्ति दिलाने का लिया संकल्प बैठक में कलेक्टर श्री दुबे ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों, बीएमओ तथा चिकित्सकों को संकल्प दिलाया कि जिस प्रकार टीकों के माध्यम से स्माल पाक्स, पोलियो, मातृ-शिशु बीमारी का अंत किया है, उसी प्रकार दिसम्बर 2023 तक 09 माह से पांच वर्ष तक के प्रत्येक बालक एवं बालिका को पीड़ा रहित एमआर के दो बार टीके लगवाकर दो जानलेवा बीमारियों मीजल्स एवं रूबेला से जिले को, प्रदेश को, भारत वर्ष को मुक्ति दिलाएंगे।

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