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 मध्यप्रदेश पुलिस की गौरवशाली परम्परा रही है। परिवीक्षाधीन अधिकारी सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए पूरी मेहनत और मृदु व्यवहार के साथ कार्य करें 

 
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह गर्व और सौभाग्य का विषय है कि भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित अधिकारियों को देश और जनता की सेवा का सुअवसर प्राप्त होता है। आप अपनी योग्यता और दक्षता के आधार पर किसी भी क्षेत्र में कॅरियर बना सकते थे। आपने लोक सेवा को अपने कॅरियर के रूप में चुना, यह देश और जनता की सेवा के लिए आपकी प्रतिबद्धता का परिचायक है। "देश-भक्ति और जन-सेवा" मध्यप्रदेश पुलिस का मूल मंत्र है। सिद्धांतों से समझौता किए बिना, अपराधियों से कड़ाई से निपटते हुए, सज्जनों के साथ फूल सा कोमल व्यवहार रखे और अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश में पदस्थ परिवीक्षाधीन आई.पी.एस. अधिकारियों से मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान से प्रदेश में पदस्थ भारतीय पुलिस सेवा के 09 परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने सिंहस्थ के प्रबंधन और कोरोना काल की व्यवस्थाओं में संवदेनशीलता के अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मध्यप्रदेश पुलिस की गौरवशाली परम्परा रही है। परिवीक्षाधीन अधिकारी सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए पूरी मेहनत और मृदु व्यवहार के साथ कार्य करें तथा जन-सामान्य से जीवंत संवाद रखते हुए अपनी कार्य-प्रणाली की मिसाल प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी सर्वश्री अभिषेक रंजन, आदर्श कांत शुक्ला, आनंद कलादगी, अंकित सोनी, आयुष गुप्ता, कृष्ण लालचंदानी, मयूर खंडेलवाल, नरेन्द्र रावत तथा सुश्री विदिता डागर ने भेंट की। पुलिस उपायुक्त भोपाल श्री विनीत कपूर साथ थे।

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