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एमवायएच सहित इंदौर के 253 अस्पतालों की छत पर रेडक्रॉस की प्रतिकृति बनाई गई

इंदौर एमपी के इंदौर शहर में देश में आपात स्थिति के साथ ही 8 मई को रेडक्रॉस डे होने पर शासन से मिले निर्देश के बाद एमवायएच सहित इंदौर शहर…
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एमवायएच सहित इंदौर के 253 अस्पतालों की छत पर रेडक्रॉस की प्रतिकृति बनाई गई

 इंदौर

एमपी के इंदौर शहर में देश में आपात स्थिति के साथ ही 8 मई को रेडक्रॉस डे होने पर शासन से मिले निर्देश के बाद एमवायएच सहित इंदौर शहर के 253 अस्पतालों की छत पर रेडक्रॉस की प्रतिकृति बनाई गई। 8 मई को रेडक्रॉस डे मनाया जाता है। वहीं फिलहाल आपात स्थिति को देखते हुए यह निर्देश दिए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कलेक्टर की तरफ से यह निर्देश प्राप्त हुए, जिसके बाद सभी अस्पतालों को सूचना दी गई।

क्यों बनाया जाता है रेडक्रॉस का साइन
अस्पतालों की छत पर रेडक्रॉस का साइन इसलिए बनाया जाता है ताकि यह स्पष्ट रूप से दर्शाया जा सके कि यह एक स्वास्थ्य सुविधा है। इसका उद्देश्य केवल घायलों का इलाज करना है। रेडक्रॉस का साइन एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक है जिसे जिनेवा संधियों के तहत मान्यता प्राप्त है। हवाई सेनाओं को सूचित करता है कि यहां केवल चिकित्सा कार्य हो रहे हैं।

प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध हो चुकी है मॉकड्रिल
प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी इंदौर में मॉकड्रिल व ब्लैक आउट हो चुका है। इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध व द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह हुआ था। इसके बाद आजादी के बाद हुए दो युद्धों के दौरान भी ब्लैक आउट व मॉकड्रिल किया गया था।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महाराजा बड़वानी को फ्रांस एंबुलेंस कोर में पोस्ट किया गया था। इंदौर में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिल संचालकों व साहूकारों ने बड़ी सहायता भेजी थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में ब्लैक आउट हुआ था व मॉकड्रिल भी हुई थी। उस दौरान महाराजा यशवंत राव होलकर ने इसे आयोजित कराई थी। रियासत के अंदर हवाई हमले, युद्ध से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया था।

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