Anant TV Live

जबलपुर रेल मंडल ने एक्स्लेरोमीटर किया तैयार, जिससे यात्रियों को झटका महसूस हो उसके पूर्व ही समस्या का पता लगेगा

जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की यात्रा को और आरामदायक बनाने के लिए जबलपुर रेल मंडल ने एक डिवाइस (एक्स्लेरोमीटर) तैयार की है। इस डिवाइस की सहायता से वंदे भारत ट्रेन…
 | 

जबलपुर रेल मंडल ने एक्स्लेरोमीटर किया तैयार, जिससे यात्रियों को झटका महसूस हो उसके पूर्व ही समस्या का पता लगेगा

 जबलपुर
 वंदे भारत एक्सप्रेस की यात्रा को और आरामदायक बनाने के लिए जबलपुर रेल मंडल ने एक डिवाइस (एक्स्लेरोमीटर) तैयार की है। इस डिवाइस की सहायता से वंदे भारत ट्रेन के पटरियों पर फर्राटा भरने के दौरान कंपन मापा जा रहा है। यात्रियों को झटका महसूस हो उसके पूर्व ही यह डिवाइस समस्या का पता लगा रही है।

अपनी तरह की यह अलग डिवाइस भारतीय रेल में जबलपुर ने पहली बार तैयार की गई है। प्रारंभिक रूप से डिवाइस का उपयोग रीवा-रानी कमलापति और रानी कमलापति-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस में किया जा रहा है।
ट्रेन की सवारी के दौरान ज्यादा झटके महसूस नहीं होते

इससे यात्रियों का सफर आरामदायक हुआ है। रेलवे के पास अभी तक चलती ट्रेन में कंपन मापने के लिए कोई उपकरण नहीं था। इस उपकरण के बनने से वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच के पहियों और संस्पेंशन सिस्टम की स्थिति का पता लगाने में सहायता मिल रही है।

ट्रेन कोच में व्हील शेलिंग जैसी समस्या का आरंभिक चरण में पता चलने से उसमें सुधार कर लिया जाता है। यात्रियों को ट्रेन की सवारी के दौरान ज्यादा झटके महसूस नहीं होते हैं।

इसे कोच के फ्लोर पर रखते हैं

यह एक पोर्टेबल/स्थांतरित किए जा सकने वाली डिवाइस है, इसे वंदे भारत ट्रेन के कोच के फ्लोर एरिया पर किसी भी स्थान पर रखा जाता है, ताकि इसमे लगे दो एक्स्लेरोमीटर की मदद से कंपन स्तर को मापा जा सके। फिर ग्राफ प्लाट करके कंपन मूल्य/डेटा का विश्लेषण कर, सुधार कर उपाय निकाला जा सके। इस डिवाइस के उपयोग के दौरान एक टेक्नीशियन रहता है, वह इसके संचालन पर नजर रखता है।

एक महीने में तैयार की गई डिवाइस

जबलपुर रेल मंडल के मैकेनिकल विभाग के अधिकारी चाहते थे कि वंदे भारत में यात्री झटके महसूस करें, उससे पूर्व ही उन्हें पता चल जाए। ताकि उसमें सुधार कर आरामदाय यात्रा का अनुभव दिया जा सके। इसमें सबसे बड़ी बाधा कंपन मापने के लिए कोई यंत्र का न होना था।

तब मैकेनिकल इंजीनियरों की टीम ने यंत्र बनाने पर काम शुरू किया। तत्कालीन सीआरएसई समीर लोहानी और डीएमई स्वप्निल पाटिल की टीम ने एक माह में ही कंपन मापने के यंत्र का अविष्कार कर लिया।

दूसरी ट्रेनों में भी उपयोग होगा

मंडल रेल प्रबंधक कमल कुमार तलरेजा के निर्देश पर इस डिवाइस की छह माह तक दोनों वंदे भारत ट्रेनों में ट्रायल चली। परिणाम बेहतर मिलने के बाद इस डिवाइस का विवरण रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। डिवाइस की संख्या बढ़ाकर इसका उपयोग अन्य ट्रेनों के कंपन मापने के लिए भी किए जाने की योजना है।

यात्री गाड़ी की समस्या को शुरुआत में ही करते हैं दूर

    मंडल के यांत्रिक विभाग द्वारा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवाचार किया गया है। इसके माध्यम से यात्री गाड़ियों में आने वाली समस्याओं को शुरुआती चरण में डिटेच कर व दूर कर गाड़ियों का समयपालन सुनिश्चित किया जाता है। – डॉ. मधुर वर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक

 

Around The Web

Trending News

You May Also Like