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ट्रेडिंग के नाम से 2200 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

भोपाल सोशल मीडिया साइट्स के जरिए निवेशकों को अधिक लाभ का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मध्य प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अब…
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ट्रेडिंग के नाम से 2200 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

ट्रेडिंग के नाम से 2200 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

 भोपाल

सोशल मीडिया साइट्स के जरिए निवेशकों को अधिक लाभ का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मध्य प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में दिल्ली से दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के खातों से 2280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी मिली है. जबकि 90 करोड़ रुपये की रकम को फ्रीज किया गया है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मदन मोहन कुमार और दीपक शर्मा के रूप में हुई है. ये दोनों टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोगों से संपर्क करते और YORKER FX, YORKER CAPITAL जैसी अवैध व अनरजिस्टर्ड कंपनियों के नाम पर BOTBRO ट्रेडिंग में निवेश कर भारी रिटर्न देने का लालच देते थे. जांच में सामने आया कि ठगी को अंजाम देने के लिए इन्होंने रोबोटिक ट्रेडिंग सिस्टम का फर्जी सॉफ्टवेयर तक तैयार कर रखा था.
20 लाख की ठगी से हुआ खुलासा

मामले का खुलासा इंदौर निवासी ईशान सलूजा की शिकायत से हुआ, जिसने BOTBRO में निवेश कर 6-8% मासिक मुनाफे का भरोसा मिलने पर 20 लाख रुपये का भुगतान किया. आरोपियों ने पहले RAINET TECHNOLOGY PVT LTD के खातों में 10 हजार रुपये की राशि जमा कराई और फिर फ्लाइट से दिल्ली से इंदौर आकर नकद पैसे वसूले. जब निवेश पर कोई रिटर्न नहीं मिला तो पीड़ित ने STF भोपाल में शिकायत दर्ज कराई.

 मध्य प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ‘बाट ब्रो’ ट्रेडिंग में निवेश से भारी लाभ का लालच देकर हजारों लोगों से 2200 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उन्होंने योर्कर एफएक्स और योर्कर कैपिटल नाम की कंपनियों में निवेश के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। आरोपितों से जुड़े संदिग्ध बैंक खातों में जमा राशि लगभग 90 करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं यानी इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

प्रदेश एसटीएफ कार्यालय भोपाल में पत्रकारों से बातचीत में इंदौर एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक नवीन चौधरी व भोपाल के एसपी राजेश भदौरिया ने बताया कि दोनों कंपनियां अनाधिकृत हैं। आरोपितों ने टेलीग्राम एप में अलग-अलग ग्रुप बनाकर लोगों से संपर्क किया। निवेश के नाम पर 16 बैंक खातों में राशि मंगवाई।

उन्होंने बताया कि इंदौर के रहने वाले ईशान सलूजा ने दोनों कंपनियों में निवेश करने पर 6-8 प्रतिशत प्रतिमाह का निश्चित लाभ देने के नाम पर 20 लाख 18 हजार रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत एसटीएफ में थी। इस पर एसटीएफ भोपाल में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इसके बाद विवेचना के लिए एसटीएफ मुख्यालय स्तर पर विशेष टीम का गठन किया गया।

विवेचना में पता चला कि आरोपितों ने अपने साथियों के साथ मिलकर ईशान सलूजा से पंजीयन के नाम पर 18 हजार बैंक खातों में जमा करवाए। इसके बाद आरोपित दिल्ली से विमान से इंदौर आकर उनसे 20 लाख रुपये निवेश के नाम पर लिए। जांच में सामने आया है कि आरोपित कंपनी योर्कर एफएक्स, वीएफएक्स और क्यूएफएक्स के विरुद्ध निवेशकों से धोखाधड़ी के महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम आदि राज्यों में कुल 12 अपराध पंजीबद्ध हैं।

एसटीएफ की जांच में पता चला है कि आरोपित रैनेट टेक्नोलाजी प्रालि और किंडेंट बिजनेस साल्यूशन प्रालि के बैंक खातों में बाट ब्रो के नाम राशि मंगाते थे। इसे बाट ब्रो के मेटा-5 अकाउंट में में यूएस डालर के रूप में दिखाया जाता है। इसके साथ ही करेंसी को बदलकर फोरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग की जाती थी। किंडेंट ने वर्ष 2023-24 में ट्रायल बैलेंस एक करोड़ 10 लाख बताया जबकि जनवरी 2023 से दिसंबर 2024 के बीच सात अरब रुपये प्राप्त हुए।

इसी तरह रैनेट टेक्नोलाजी ने सात करोड़ 80 लाख रुपये ट्रायल बैलेंस बताया गया, जबकि कंपनी के बैंक खातों में जनवरी 23 से दिसंबर 24 के बीच 15 अरब 80 करोड़ रुपये आए। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी फेमा एक्ट के अंतर्गत जांच कर रही है। गड़बड़ी के तार विदेश से भी जुड़े होने की आशंका है।

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