भू-माफिया के खिलाफ बड़ा फैसला तबादले पर घिरी शिवराज सरकार
पन्ना । ईमानदार युवा आईएएस अफसर शेर सिंह मीना का तबादला करके शिवराज सरकार चौतरफा घिर गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा आईएएस के तबादले पर सवाल उठाने के बाद अब इस मामले में भाजपा की कद्दावर नेत्री व पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले का बड़ा बयान आया है। अपने बेबाक़ बयानों के लिए चर्चित वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुश्री मेहदेले ने पन्ना में पत्रकारों से कहा कि ईमानदार और न्यायप्रिय अधिकारी का किसी के भी दबाव में तबादला किया जाना उचित नहीं है।
पन्ना में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पद पर पदस्थ रहे शेर सिंह मीना (आईएएस) ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े भू-माफिया अंकुर त्रिवेदी के खिलाफ अहम फैसला सुनाकर गरीब-आदिवासियों एवं नयापुरा-मुड़िया पहाड़ की झुग्गी बस्ती के सैंकड़ों परिवारों को न्याय दिया था। एसडीएम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने आनन-फानन में शेर सिंह मीना को पन्ना से हटाते हुए उनका तबादला शहडोल जिले के लिए कर दिया। परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी का तबादला आदेश आने पर पन्ना से तुरंत रिलीव भी कर दिया गया। आईएएस मीना को जिले के प्रशासनिक अधिकारीयों के द्वारा विदाई देने की खबर मीडिया में आने के बाद से ही पन्ना के लोगों में शिवराज सरकार के इस फैसले को लेकर गहरी नाराजगी व्याप्त है। सार्वजानिक मंच से माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की "कथनी और करनी" की आलोचना करते हुए पन्ना के लोग सोशल मीडिया पर उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। इस बीच आईएएस अफसर के तबादले को लेकर पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह का बयान आने से सियासी हलचल काफी बढ़ गई है।
सुश्री मेहदेले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि "ऐसे ईमानदार और न्याय प्रिय अफसर को पन्ना में रहना चाहिए, उनका तबादला नहीं होना चाहिए था। मीना जैसे अधिकारी कभी-कभार ही आते हैं, ऐसे अधिकारियों के रहने से गरीबों को न्याय मिलता और सुविधा हो जाती है। जिस तरह से युवा आईएएस का तबादला हुआ है, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी से मिलकर मैं कहूँगी, अच्छा काम करने वाले ईमानदार अफसर जहाँ भी हैं उनको रहने दिया जाए। ऐसे अफसरों को किसी के दबाव में आकर न हटाया जाए।"
उल्लेखनीय है कि हीरों के खनन के प्रसिद्द मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय के नजदीक नेशनल हाइवे क्रमांक-39 के दोनों तरफ नयापुरा-मुड़िया पहाड़ ग्राम में स्थित गरीब आदिवासियों की बेशकीमती 18 एकड़ जमीन भाजपा के स्थानीय दबंग नेता अंकुर त्रिवेदी ने छल-कपट पूर्वक हड़प ली थी। करोड़ों रुपए मूल्य की इन जमीनों पर बनीं झुग्गियों में कई पीढ़ियों से रह रहे सैंकड़ों गरीब परिवारों को भू-माफिया के द्वारा जबरन बेदखल किए जाने का पुरजोर विरोध सबसे पहले पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने ही किया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी तथा विपक्षी दल कोंग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे से दूरी बनाए रखी। प्रभावित परिवार न्याय पाने के लिए मामले को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील पन्ना के न्यायालय में ले गए।
इस बहुचर्चित मामले में 11 फरवरी को शेर सिंह मीना (आईएएस) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील पन्ना ने तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर गरीब आदिवासियों के पक्ष बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा के करीबी माने-जाने वाले अंकुर त्रिवेदी के खिलाफ फैसला आने के बाद युवा आईएएस अधिकारी शेर सिंह मीना के तबादला को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।