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आयुष औषधियों के लिए “औषधि उत्पादन नीति” और मूल्य निर्धारण लिए “औषधि क्रय / विक्रय नीति” बनाई जाए : आयुष मंत्री परमार

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भोपाल उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने सोमवार को मंत्रालय में आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। मंत्री श्री परमार ने विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। श्री परमार ने शासकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मेसी के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्ययोजना के साथ क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने शासकीय आयुष फार्मेसी में वांछित मांगों की पूर्ति के अनुरूप औषधियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने एवं नियमित मॉनिटरिंग के लिए ” औषधि उत्पादन नीति” बनाने को कहा।  आयुष मंत्री श्री परमार ने निजी एवं शासकीय फार्मेसी की औषधियों की गुणवत्ता जांच और विश्वसनीयता के लिए शासकीय औषध प्रयोगशाला (ड्रग टेस्टिंग लैब) के उन्नयन करने के निर्देश दिए। आयुष औषधियों के मूल्य निर्धारण के लिए “औषधि क्रय-विक्रय नीति” बनाने को कहा। श्री परमार ने औषधियों की क्रय प्रक्रिया के लिए “ई-औषधि” ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने के लिए भी निर्देशित किया। प्रत्येक चिकित्सालय में एक सलाहकार समिति के गठन के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। श्री परमार ने मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया नियम अनुरूप शीघ्र किए जाने के निर्देश भी दिए। आयुष महाविद्यालय के प्राध्यापकों को नियम अनुरूप समयमान/वेतनमान और उच्च पद प्रभार दिए जाने को लेकर कार्ययोजना के साथ क्रियान्वयन करने को भी कहा। आयुष महाविद्यालयों में शैक्षणिक एवं अकादमिक व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग, शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने और नवाचारों के दस्तावेजीकरण को लेकर, व्यापक आंकलन पद्धति के रूप में “रिसर्च एवं एकेडमिक काउंसिल” विकसित करने के भी निर्देश दिए। विद्यार्थियों के समग्र मूल्यांकन के लिए “स्टूडेंट परफॉर्मेंस इंडेक्स” बनाने के लिए कार्ययोजना बनाने को भी कहा। श्री परमार ने राज्य सलाहकार बोर्ड को लेकर भी चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त आयुष डॉ. सलोनी सिडाना सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

भोपाल
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने सोमवार को मंत्रालय में आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। मंत्री श्री परमार ने विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। श्री परमार ने शासकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मेसी के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्ययोजना के साथ क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने शासकीय आयुष फार्मेसी में वांछित मांगों की पूर्ति के अनुरूप औषधियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने एवं नियमित मॉनिटरिंग के लिए ” औषधि उत्पादन नीति” बनाने को कहा।

आयुष मंत्री श्री परमार ने निजी एवं शासकीय फार्मेसी की औषधियों की गुणवत्ता जांच और विश्वसनीयता के लिए शासकीय औषध प्रयोगशाला (ड्रग टेस्टिंग लैब) के उन्नयन करने के निर्देश दिए। आयुष औषधियों के मूल्य निर्धारण के लिए “औषधि क्रय-विक्रय नीति” बनाने को कहा। श्री परमार ने औषधियों की क्रय प्रक्रिया के लिए “ई-औषधि” ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने के लिए भी निर्देशित किया। प्रत्येक चिकित्सालय में एक सलाहकार समिति के गठन के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। श्री परमार ने मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया नियम अनुरूप शीघ्र किए जाने के निर्देश भी दिए। आयुष महाविद्यालय के प्राध्यापकों को नियम अनुरूप समयमान/वेतनमान और उच्च पद प्रभार दिए जाने को लेकर कार्ययोजना के साथ क्रियान्वयन करने को भी कहा। आयुष महाविद्यालयों में शैक्षणिक एवं अकादमिक व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग, शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने और नवाचारों के दस्तावेजीकरण को लेकर, व्यापक आंकलन पद्धति के रूप में “रिसर्च एवं एकेडमिक काउंसिल” विकसित करने के भी निर्देश दिए। विद्यार्थियों के समग्र मूल्यांकन के लिए “स्टूडेंट परफॉर्मेंस इंडेक्स” बनाने के लिए कार्ययोजना बनाने को भी कहा। श्री परमार ने राज्य सलाहकार बोर्ड को लेकर भी चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त आयुष डॉ. सलोनी सिडाना सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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