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प्रदेश के 22 जिलों के 200 छात्रावास एवं स्कूलों की मरम्मत एवं रेन वॉटर रूफिंग के लिये प्रस्ताव

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भोपाल   जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि देश के सभी जनजातीय बहुल गांवों के समग्र विकास के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। जनजातियों के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 5 वर्ष की अवधि के लिये है, जो वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक क्रियान्वित होगा। इसमें केन्द्र सरकार के 18 मंत्रालयों/विभागों की 25 प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं/सेवाओं/सुविधाओं का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर जनजातियों को सहज लाभ दिलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में प्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों का सर्वांगीण विकास किया जायेगा। इस अभियान से इन 51 जिलों में 43 जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार 795 परिवार निवास करते हैं, जिनकी कुल 93 लाख 23 हजार 125 लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।  जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाओं जैसे छात्रावास, आश्रम शालाएं एवं आदर्श विद्यालय, जेएसएस आदि के उन्नयन, विस्तार के साथ इन संस्थानों छत पर सोलर सिस्टम और रेन वॉटर रूफिंग आदि की स्थापना के लिये प्रस्ताव मांगे गये हैं। देशभर की कई संस्थाओं में इस प्रकार के विकास कार्य किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस दिशा में तेजी से कार्यवाही कर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव को वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 22 जिलों में इस प्रकार के कार्यों के लिये अधिकृत प्रस्ताव भेज दिया है।  जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को बालाघाट, छिंदवाड़ा, सतना, सीधी, हरदा, उज्जैन, धार, रायसेन, नर्मदापुरम, शहडोल, दतिया, इंदौर, सिवनी, रतलाम, उमरिया, बड़वानी, राजगढ़, मंडला, खरगौन, बैतूल, पन्ना एवं गुना जिले में स्थित कुल 200 छात्रावासों एवं स्कूलों की मरम्मत तथा इनमें रेन वॉटर रूफिंग की स्थापना के लिये 388 करोड़ 56 लाख रूपये के विकास कार्य प्रस्ताव भेज दिये गये हैं। प्रस्ताव अनुसार बालाघाट जिले की 12 शिक्षण संस्थाओं, छिंदवाड़ा में 21, सतना में 2, सीधी में 3, हरदा में 4, उज्जैन में 2, धार में 21, रायसेन में 3, नर्मदापुरम में 4, शहडोल में 9, दतिया में 1, इंदौर में 5, सिवनी में 14, रतलाम 12, उमरिया में 8, बड़वानी में 15, राजगढ़ में 1, मंडला में 23, खरगौन में 12, बैतूल में 23 एवं पन्ना और गुना में 1-1 छात्रावास में यह विकास कार्य कराये जायेंगे।  जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि इसके अलावा छात्रावास अधीक्षको के आवासों में भी सभी सिविल, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिक एवं मल-जल निस्तार व्यवस्था संबंधी जरूरी कार्य कराये जायेंगे।

भोपाल  
जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि देश के सभी जनजातीय बहुल गांवों के समग्र विकास के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। जनजातियों के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 5 वर्ष की अवधि के लिये है, जो वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक क्रियान्वित होगा। इसमें केन्द्र सरकार के 18 मंत्रालयों/विभागों की 25 प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं/सेवाओं/सुविधाओं का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर जनजातियों को सहज लाभ दिलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में प्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों का सर्वांगीण विकास किया जायेगा। इस अभियान से इन 51 जिलों में 43 जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार 795 परिवार निवास करते हैं, जिनकी कुल 93 लाख 23 हजार 125 लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाओं जैसे छात्रावास, आश्रम शालाएं एवं आदर्श विद्यालय, जेएसएस आदि के उन्नयन, विस्तार के साथ इन संस्थानों छत पर सोलर सिस्टम और रेन वॉटर रूफिंग आदि की स्थापना के लिये प्रस्ताव मांगे गये हैं। देशभर की कई संस्थाओं में इस प्रकार के विकास कार्य किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस दिशा में तेजी से कार्यवाही कर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव को वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 22 जिलों में इस प्रकार के कार्यों के लिये अधिकृत प्रस्ताव भेज दिया है।

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को बालाघाट, छिंदवाड़ा, सतना, सीधी, हरदा, उज्जैन, धार, रायसेन, नर्मदापुरम, शहडोल, दतिया, इंदौर, सिवनी, रतलाम, उमरिया, बड़वानी, राजगढ़, मंडला, खरगौन, बैतूल, पन्ना एवं गुना जिले में स्थित कुल 200 छात्रावासों एवं स्कूलों की मरम्मत तथा इनमें रेन वॉटर रूफिंग की स्थापना के लिये 388 करोड़ 56 लाख रूपये के विकास कार्य प्रस्ताव भेज दिये गये हैं। प्रस्ताव अनुसार बालाघाट जिले की 12 शिक्षण संस्थाओं, छिंदवाड़ा में 21, सतना में 2, सीधी में 3, हरदा में 4, उज्जैन में 2, धार में 21, रायसेन में 3, नर्मदापुरम में 4, शहडोल में 9, दतिया में 1, इंदौर में 5, सिवनी में 14, रतलाम 12, उमरिया में 8, बड़वानी में 15, राजगढ़ में 1, मंडला में 23, खरगौन में 12, बैतूल में 23 एवं पन्ना और गुना में 1-1 छात्रावास में यह विकास कार्य कराये जायेंगे।

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि इसके अलावा छात्रावास अधीक्षको के आवासों में भी सभी सिविल, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिक एवं मल-जल निस्तार व्यवस्था संबंधी जरूरी कार्य कराये जायेंगे।

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