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जर्मनी में हो रही तकनीकी प्रगति और उद्योगों में हो रहे नवाचारों को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए राज्य सरकार सक्रिय रूप से कदम उठा रही :CM यादव

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भोपाल  जर्मनी से मध्य प्रदेश में निवेश के प्रस्ताव विवभन्न औद्योगिक सेक्टरों के लिए प्राप्त हुए हैं। कृषि, एआइ, हेल्थ, सेमीकंडक्टर, शिक्षा, नई तकनीक और भारी उद्योग के क्षेत्र में निवेशकों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। साथ ही अनेक क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं।  जर्मन की कंपनी एसीईडीएस लिमिटेड मप्र में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके लिए भोपाल के अचारपुरा में कंपनी को 27,200 वर्गमीटर (6.72 एकड़) जमीन आवंटित की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से चर्चा के तुरंत बाद एसीईडीएस को भोपाल में भूमि आवंटन पत्र जारी किया।  इस समझौते के तहत कंपनी ने भोपाल में अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रस्ताव दिया है। इससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं एक्स-रे मशीन निर्माण एवं अन्य उपकरण, सौर ऊर्जा पावर प्लांट सहित नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को जर्मनी के म्यूनिख में अपने औद्योगिक प्रयोजन संबंधी यात्रा के अंतिम दिन स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जर्मनी और इग्लैंड की यात्रा के बाद, मैं कह सकता हूं कि यह यात्रा हमारे टेक्नों-फ्रेंड ऊर्जावान, प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही है। जर्मन कंपनियों ने मप्र में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इससे रोजगार और नए अवसरों के द्वार खुलेंगे।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ भविष्य में व्यापार एवं उद्योग के लिए जर्मन आगे बढ़ रहे हैं। जर्मनी में हो रही तकनीकी प्रगति और उद्योगों में हो रहे नवाचारों को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए राज्य सरकार सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।  जर्मनी और इंग्लैंड को मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगे  मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी और इंग्लैंड आर्थिक और तकनीकी रूप से साधन संपन्न देश हैं। उन्हें आवश्यकता है तो दक्ष मानव संसाधन की। हमारे पास दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध है, तकनीकी रूप से दक्ष युवा हैं। दोनों को जोड़ने के लिए यदि जरूरत है तो भाषा की। लैंग्वेंज प्रॉब्लम को दूर कर हम एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्यबल बनकर काम करेंगे।  मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जर्मनी दौरे पर गई इन्वेस्ट मध्य प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने वहां की शीर्ष कंपनियों से साझेदारी के लिए बातचीत की। मुख्यमंत्री ने म्यूनिख के समीप ब्रुंथल स्थित एसएफसी एनर्जी कंपनी का दौरा किया। इस दौरान, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिक को मध्य प्रदेश में लागू करने और नवकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बर्लोकर समूह के साथ एक औपचारिक बैठक भी की।

भोपाल
 जर्मनी से मध्य प्रदेश में निवेश के प्रस्ताव विवभन्न औद्योगिक सेक्टरों के लिए प्राप्त हुए हैं। कृषि, एआइ, हेल्थ, सेमीकंडक्टर, शिक्षा, नई तकनीक और भारी उद्योग के क्षेत्र में निवेशकों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। साथ ही अनेक क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं।

जर्मन की कंपनी एसीईडीएस लिमिटेड मप्र में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके लिए भोपाल के अचारपुरा में कंपनी को 27,200 वर्गमीटर (6.72 एकड़) जमीन आवंटित की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से चर्चा के तुरंत बाद एसीईडीएस को भोपाल में भूमि आवंटन पत्र जारी किया।

इस समझौते के तहत कंपनी ने भोपाल में अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रस्ताव दिया है। इससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं एक्स-रे मशीन निर्माण एवं अन्य उपकरण, सौर ऊर्जा पावर प्लांट सहित नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को जर्मनी के म्यूनिख में अपने औद्योगिक प्रयोजन संबंधी यात्रा के अंतिम दिन स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जर्मनी और इग्लैंड की यात्रा के बाद, मैं कह सकता हूं कि यह यात्रा हमारे टेक्नों-फ्रेंड ऊर्जावान, प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही है। जर्मन कंपनियों ने मप्र में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इससे रोजगार और नए अवसरों के द्वार खुलेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ भविष्य में व्यापार एवं उद्योग के लिए जर्मन आगे बढ़ रहे हैं। जर्मनी में हो रही तकनीकी प्रगति और उद्योगों में हो रहे नवाचारों को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए राज्य सरकार सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।

जर्मनी और इंग्लैंड को मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी और इंग्लैंड आर्थिक और तकनीकी रूप से साधन संपन्न देश हैं। उन्हें आवश्यकता है तो दक्ष मानव संसाधन की। हमारे पास दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध है, तकनीकी रूप से दक्ष युवा हैं। दोनों को जोड़ने के लिए यदि जरूरत है तो भाषा की। लैंग्वेंज प्रॉब्लम को दूर कर हम एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्यबल बनकर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जर्मनी दौरे पर गई इन्वेस्ट मध्य प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने वहां की शीर्ष कंपनियों से साझेदारी के लिए बातचीत की। मुख्यमंत्री ने म्यूनिख के समीप ब्रुंथल स्थित एसएफसी एनर्जी कंपनी का दौरा किया। इस दौरान, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिक को मध्य प्रदेश में लागू करने और नवकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बर्लोकर समूह के साथ एक औपचारिक बैठक भी की।

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