विद्युत बिल वितरण, डिश कनेक्शन एवं राजस्व से संबंधित कार्य रखे जाए स्थगित : म.प्र.यूनाइटेड फोरम

भोपाल I मध्य क्षेत्र विधुत वितरण कंपनी ने अप्रैल माह में मीटर रीडिंग नहीं की है, जिसके कारण मई में यदि मीटर की रीडिंग होती है तो सभी के बिजली के बिल का स्लैब गड़बड़ा सकता है I जिससे की आर्थिक बोझ बढ़ेगा ! क्योंकि मीटर की रीडिंग में अप्रैल और मई महीने की रीडिंग जुड़ कर आएगी I यदि कंपनी औसत बिल देगी, तो उस व्यवस्था में भी उपभोक्ता को घाटा होगा और जो रीडिंग दो माह की एक साथ जुड़ेगी उससे उसका बिजली का रेट जो सबसे ऊँचा होगा वो होने की संभावना रहेगी I चूँकि अभी सभी अपने घरों में है और गर्मी के इस मौसम में लगातार कूलर पंखे आदि बिजली के साधन उपयोग कर रहे है ऐसे में निश्चित ही बिजली की खपत बढ़ेगी ही ! पिछले वर्ष तो कंपनी ने मोबाइल एप्प लॉच किया था, जो काफी सफल था I लेकिन इस बार ऐसी कोई व्यवस्था अब तक नहीं की है I जिससे आम उपभोक्ता को लाभ पहुंचे I कोरोना कर्फ्यू के कारण वैसे ही प्राइवेट काम करने वाले लोग पैसा नहीं कमा पा रहे तो निश्चित ही उनके जेब का बोझ बढ जाएगा I
वहीँ मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के संयोजक विनय कुमार सिंह परिहार ने बताया, कि विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा मीटर रीडिंग,बिल वितरण एवं डिस्कनेशन करने के लिए कर्मचारियों पर दबाव डाला जा रहा है जो कि इस भयंकर COVID - 19 महामारी के दौरान किसी भी प्रकार से सही एवं न्यायोचित नहीं है।
कोविड -19 ( 2 ) में पिछले वर्ष की अपेक्षा लोगों में संक्रमित होने की संभावना अधिक है । मुख्यमंत्री बार - बार टीवी में संदेश दे रहे हैं, कि घर के बाहर जब बहुत जरूरी हो तभी निकले, लेकिन वितरण कंपनियों का प्रबंधन मुख्यमंत्री के संदेश की अवहेलना कर रहा है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है । फोरम यह समझता है कि राजस्व के लिए यह कार्य भी जरूरी है I लेकिन पिछले कोविड -19 के दौरान जिस प्रकार औसत बिलिग की गई थी, उसी प्रकार की प्रणाली इस बार क्यों नहीं अपनाई जा सकती जिससे की मीटर रीडर एवं उपभोक्ताओं का संपर्क रोका जा सके, यह समझ से परे हैं ।
फोरम लगातार मांग कर रहा है कि विदयुत कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए मुख्यमंत्री कोविड -19 योद्धा योजना में शामिल कर वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाए I लेकिन इस ओर माननीय द्वारा कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं की गई I जबकि ग्रामीण विकास , विभाग , नगरीय प्रशासन विभाग एवं कई अन्य विभागों द्वारा आपने कर्मचारियों को यह सभी सुविधाएं दी गई हैं ।
फोरम के संज्ञान में यह भी आ रहा है फील्ड में कार्यरत नियमित / संविदा / आउटसोर्स कर्मचारी जो लगातार फील्ड में विद्युत व्यवस्था बनाए हुए हैं ज्यादा संख्या में संक्रमित हो रहे हैं एवं उन्हें सही तरीके से उपचार नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण इससे लगभग 50 से अधिक संख्या में कर्मचारी विद्युत कार्य करते हुए कोविड -19 से प्रभावित होकर शहीद हो गये हैं, जिनको सही तरीके से उपचार नहीं मिल पाया है , यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है ।
फोरम मांग करता है कि मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में खाली पड़े कल्याण भवन एवं अन्य भवनों में कोविड -19 केआइसोलेशन सेंटर बनाकर उनमें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए एवं प्रत्येक जिलों में विद्युत कर्मियों हेतु जिला चिकित्सालयों में कोविड -19 के संक्रमितों को प्राथमिकता दी जाये , जिससे उनकी सहायता हो सके ।
बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार की दी चेतावनी
वर्तमान में उपरोक्त सुविधाओं के अभाव में सभी मैदानी कर्मचारी आक्रोशित हैं इसी कारण बिजली आउट सोर्स कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार की धमकी दी गई है , जिसे फोरम नैतिक रुप से समर्थन देता है एवं माननीय से मांग करता है उनकी मांगों पर तुरंत विचार करें अन्यथा मध्य प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बिगड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है । जिसकी जिम्मेदारी शासन एवं प्रबंधन की रहेगी ।