Anant TV Live

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025: नाबार्ड, म.प्र. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सहकारिता सम्मेलन का आयोजन

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025: नाबार्ड, म.प्र. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सहकारिता सम्मेलन का आयोजन मार्च 2026 तक सभी पैक्स को ई-पैक्स में परिवर्तित करेंगे- मंत्री विश्वास कैलाश सारंग भोपाल सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के मुख्य आतिथ्य में सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में नाबार्ड, मध्यप्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सहकारिता पर एक …
 | 

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025: नाबार्ड, म.प्र. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सहकारिता सम्मेलन का आयोजन

मार्च 2026 तक सभी पैक्स को ई-पैक्स में परिवर्तित करेंगे- मंत्री  विश्वास कैलाश सारंग

भोपाल

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  विश्वास कैलाश सारंग के मुख्य आतिथ्य में सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में नाबार्ड, मध्यप्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सहकारिता पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। मंत्री श्री सारंग ने सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को सम्मानित किया। सम्मेलन में सहकारिता आयुक्त श्री मनोज पुष्प, नाबार्ड मध्यप्रदेश की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती सी. सरस्वती, एमडी अपेक्स बैंक श्री मनोज गुप्ता, उप सचिव सहकारिता श्री मनोज सिन्हा सहित सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिला सहकारी बैंक, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक एवं पैक्स समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है सहकारिता

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सहकारिता भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है और किसानों की आर्थिक उन्नति के लिये यह सबसे प्रभावी माध्यम साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल संस्थागत व्यवस्था नहीं, बल्कि यह सामूहिक प्रगति और साझी जिम्मेदारी की भावना पर आधारित एक व्यापक आर्थिक मॉडल है। राज्य सरकार सहकारिता तंत्र को अधिक मजबूत, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाने के लिये निरंतर कार्य कर रही है।

पैक्स अब बनेंगी बहुउद्देशीय संस्थाएँ

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि बदलते कृषि परिवेश में पैक्स का दायरा तेजी से बढ़ा है। अब पैक्स केवल ऋण वितरण, खाद-बीज उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वे बहुउद्देशीय सेवाएँ उपलब्ध कराने वाली ग्रामीण संस्थाएँ बन रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक राज्य की सभी पैक्स को आधुनिक ‘ई-पैक्स’ के रूप में परिवर्तित कर डिजिटल संचालन से जोड़ें।

सीपीपीपी मॉडल से आएंगे दूरगामी परिणाम

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने सहकारिता ढाँचे में सुधार के लिये सीपीपीपी (Cooperative–Private–Public Partnership) मॉडल की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि “यह मॉडल सहकारिता संस्थाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाते हुए उन्हें आधुनिक तकनीक, प्रबंधन कौशल और पूँजी निवेश से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बनेगा। आने वाले वर्षों में इसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

कोऑपरेटिव और कॉर्पोरेट:विकास के दो मजबूत पहिये

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति के लिये कॉर्पोरेट और कोऑपरेटिव दोनों ही आवश्यक हैं। दोनों मॉडल एक-दूसरे के पूरक हैं और राष्ट्र के विकास रथ के दो पहिये हैं। सरकार ऐसी नीतियों पर काम कर रही है जिससे सहकारिता संस्थाएँ आत्मनिर्भर, उत्पादक और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। उन्होंने बताया कि कमजोर जिला सहकारी बैंकों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिये राज्य सरकार ने 2027 तक का विशेष लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत पूँजी वृद्धि, प्रबंधन सुधार, कार्यप्रणाली का आधुनिकीकरण और ग्राहक सेवाओं में पारदर्शिता जैसे सभी आयामों पर कार्य किया जा रहा है।

किसानों को समृद्ध बनाने के लिये पशुपालन व दुग्ध उत्पादन पर जोर

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कृषि के साथ पशुपालन और दुग्ध उत्पादन गतिविधियों को जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। सहकारिता के माध्यम से हम किसानों को मूल्यवर्धन, प्रोसेसिंग, मार्केट लिंक और बेहतर आय के अवसर उपलब्ध कराएँगे। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेगा।

 

Around The Web

Trending News

You May Also Like