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अब भाजपा कार्यकर्ताओं को मंत्रियों से मिलने के लिए बंगले या मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे, प्रदेश कार्यालय में मिलेगा मौका

भोपाल कार्यकर्ताओं को क्षेत्र के काम से अब मंत्रियों से मिलने के लिए बंगले या मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सोमवार से शुक्रवार तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में दो मंत्री दोपहर एक से तीन बजे तक बैठेंगे। कार्यकर्ताओं से संवाद कर उनकी समस्या का यथासंभव समाधान करेंगे। सत्ता और संगठन में समन्वय के लिए …
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भोपाल
 कार्यकर्ताओं को क्षेत्र के काम से अब मंत्रियों से मिलने के लिए बंगले या मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सोमवार से शुक्रवार तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में दो मंत्री दोपहर एक से तीन बजे तक बैठेंगे। कार्यकर्ताओं से संवाद कर उनकी समस्या का यथासंभव समाधान करेंगे। सत्ता और संगठन में समन्वय के लिए गठित समन्वय टोली की बैठक में हुए निर्णय के बाद इसकी शुरुआत भी सोमवार एक दिसंबर से हो गई।
उप मुख्यमंत्री और राज्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से किया संवाद

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने कार्यालय में कार्यकर्ताओं से संवाद किया। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रदेश कार्यालय में मंत्रियों की उपलब्धता से संगठन और शासन के बीच समन्वय और मजबूत होगा तथा समस्याओं का समाधान त्वरित, प्रभावी और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा। यह प्रयास संगठनात्मक गति, कार्यकर्ता संपर्क और समस्या-निराकरण को नई दिशा देगा।

समाधान होने पर कार्यकर्ताओं को अवगत भी कराया जाएगा

वहीं, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि मंत्री-दिन प्रणाली का उद्देश्य कार्यकर्ताओं की समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है। सोमवार को हमने और गौतम टेटवाल ने कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुना और समाधान भी कराया। प्राप्त आवेदनों को सूचीबद्ध कर संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिन समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं हो सका, उनका फालोअप किया जाएगा। समाधान होने पर कार्यकर्ताओं को अवगत भी कराया जाएगा।
यह व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी

कार्यकर्ताओं से मिलने की यह व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी। केवल बड़े आयोजनों या विशेष कार्यक्रमों की स्थिति में ही इसे समायोजित किया जाएगा। इस निर्णय से भाजपा कार्यकर्ता भी बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र के कई कार्य ऐसे हैं जिनके लिए मंत्री से मिलना जरूरी होता है। इस व्यवस्था से अब सीधे मंत्री से मिलकर क्षेत्र की समस्या उठाई भी जा सकती है और उसका समाधान भी किया जा सकेगा।
कब कौन मंत्री रहेगा कार्यालय में उपलब्ध

    2 दिसंबर- राकेश सिंह, दिलीप अहिरवार
    3 दिसंबर- विश्वास सारंग, लखन पटेल
    4 दिसंबर- कैलाश विजयवर्गीय, प्रतिमा बागरी
    5 दिसंबर- विजय शाह, नरेंद्र शिवाजी पटेल

 

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