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आउटसोर्स&अस्थाई कर्मचारियों का प्रदेशभर में प्रदर्शन 7 को

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न्यूनतम वेतन एवं नौकरी में सुरक्षा की मांग को लेकर अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारी 7 जनवरी को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेंगे। आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर सभी जिलों में कलेक्टोरेट में कर्मचारी इक_े होंगे और नारे लगाएंगे। इन मांगों को लेकर मोर्चा चरणबद्ध आंदोलन चला रहा है। इससे पहले जिलों में प्रदर्शन और मंत्रियों के निवास पर डेरा डाला जा चुका है।

मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में सभी 55 जिलों में कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। शर्मा ने कहा कि ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय, स्कूल,छात्रावास, अन्य सरकारी विभागों में हजारों अस्थाई कर्मचारी हैं, जिन्हें विभाग सीधे वेतन देता है, इन्हें श्रम कानून का लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि श्रमायुक्त के आदेश इन्हें न्यूनतम वेतन, पीएफ, ईएसआई के दायरे में लाने के हैं। ऐसी ही स्थिति सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की है, जिन्हें भी श्रम कानून के तहत मिले अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।

 7 जनवरी को सभी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी क्षेत्र में काम करने वाले सभी अस्थाई, आउटसोर्स, ठेका कर्मचारी एवं श्रमिकों को श्रम कानूनों का लाभ दिलाने, पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन अप्रैल 2024 से एरियर सहित भुगतान कराने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हम न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत अप्रैल 2024 में पुन: न्यूनतम वेतन पुनरीक्षित कर 21,000 रुपए करने और ग्राम पंचायतों एवं स्कूलों-छात्रावासों के कर्मचारियों को श्रम कानूनों का लाभ दिलाने की मांग कर रहे हैं।

 शर्मा ने प्रदेश के सभी आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी, श्रमिकों से प्रदर्शनों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। बता दें कि 3 दिसंबर को इंदौर हाईकोर्ट ने न्यूनतम वेतन से लगी रोक हटा दी है। फिर भी श्रम विभाग पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन का एरियर सहित भुगतान कराने का आदेश नहीं निकाल रहा है। जिससे प्रदेश के 35 लाख से अधिक श्रमिक-कर्मचारी में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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