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“ट्रांसफर बना ‘उद्योग’, करोड़ों की वसूली का आरोप, विपक्षी विधायक बोले- विकास कार्यों से किया जा रहा है वंचित”

भोपाल, 30 जुलाई 2025।मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव उस समय देखने को मिला जब कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने सदन में ‘ट्रांसफर उद्योग’ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में तबादलों के माध्यम से करोड़ों रुपए …
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भोपाल, 30 जुलाई 2025।
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव उस समय देखने को मिला जब कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने सदन में ‘ट्रांसफर उद्योग’ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में तबादलों के माध्यम से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली हो रही है। मरकाम के मुताबिक, अधिकारी-कर्मचारियों से 4 से 10 करोड़ रुपए तक की राशि वसूली जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक महकमे में पैसे लेकर तबादले किए जा रहे हैं और यह प्रक्रिया अब ‘संगठित भ्रष्टाचार’ का रूप ले चुकी है। इस कथित उद्योग में बड़े स्तर पर लेन-देन हो रहा है और सरकार इसमें मूकदर्शक बनी हुई है।

“ट्रांसफर बना ‘उद्योग’, करोड़ों की वसूली का आरोप, विपक्षी विधायक बोले- विकास कार्यों से किया जा रहा है वंचित”

सत्ता पक्ष को खुली छूट, विपक्षी विधायक वंचित

विधायक मरकाम ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों को विकास कार्यों के लिए 15-15 करोड़ रुपए तक की राशि दी जा रही है, जबकि विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों में विकास के नाम पर एक रुपया तक नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा, “अगर सरकार विपक्षी विधायकों को विकास की राशि नहीं देगी, तो हम संघर्ष करेंगे और जरूरत पड़ी तो सदन की कार्यवाही तक नहीं चलने देंगे।”

उनका कहना था कि यह राजनीतिक भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है, जो न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी असमानता पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि “अगर हम भी जनप्रतिनिधि हैं, तो हमारे क्षेत्रों के नागरिकों को भी समान अधिकार और सुविधाएं मिलनी चाहिए।”

संविदा और आउटसोर्सिंग में भी भ्रष्टाचार का आरोप

मरकाम ने आरोप लगाया कि आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों से भी भारी शोषण हो रहा है। उन्होंने सदन में कहा कि आशा कार्यकर्ताओं से लेकर मंत्रालय में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। “ये कर्मचारी रात-दिन मेहनत करते हैं, लेकिन जब वेतन मांगते हैं तो उन्हें टाल दिया जाता है।”

उन्होंने चेताया कि अगर इस तरह की व्यवस्था जारी रही तो प्रशासनिक कामकाज पूरी तरह ठप हो सकता है, क्योंकि इन्हीं कर्मचारियों पर बड़ी संख्या में विभागीय कार्य निर्भर हैं।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

विधायक ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों सरकार इस पूरे ट्रांसफर खेल पर चुप है? क्या इसके पीछे किसी ‘ऊपरी संरक्षण’ की भूमिका है? उन्होंने मांग की कि तबादलों की पूरी प्रक्रिया की जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस तरह के भ्रष्ट प्रथाओं से आम जनता का विश्वास तंत्र से उठता जा रहा है। मरकाम ने कहा कि एक पारदर्शी व्यवस्था और निष्पक्ष विकास के लिए यह जरूरी है कि विपक्ष के साथ भी समान व्यवहार किया जाए।

कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम द्वारा सदन में उठाया गया ट्रांसफर घोटाले और क्षेत्रीय भेदभाव का मुद्दा न सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रदेश में विकास कार्य अब राजनीतिक प्राथमिकताओं के आधार पर बांटे जा रहे हैं। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर संघर्ष का संकेत दिया है, जिससे आने वाले दिनों में सत्र और गरमाने की संभावना है।

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