Anant TV Live

मेट्रोपॉलिटन रीजन में शामिल होंगे 6 जिले और 12 नगरीय क्षेत्र, मध्यभारत को मिलेगा नया आर्थिक केंद्र

भोपाल भोपाल शहर को मेट्रोपॉलिटन रीजन (बीएमआर) में बदलने की तस्वीर साफ होते ही अब विकास को गति मिलेगी। एक ओर आर्थिक विकास तो दूसरी ओर करीब 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिन बीएमआर का मैप जारी किया। इसमें साफ हो गया कि …
 | 

भोपाल 

भोपाल शहर को मेट्रोपॉलिटन रीजन (बीएमआर) में बदलने की तस्वीर साफ होते ही अब विकास को गति मिलेगी। एक ओर आर्थिक विकास तो दूसरी ओर करीब 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिन बीएमआर का मैप जारी किया।

इसमें साफ हो गया कि करीब 12,099 वर्ग किमी में फैले बीएमआर में 6 जिलों के कुछ हिस्से शामिल होंगे। इनमें 12 नगरीय क्षेत्र, 30 तहसील व 2524 गांव शामिल होंगे। इसमें 15 बड़े औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल किए गए हैं। इसके साथ बड़ी संख्या में पर्यटन क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया है।

रोजगार के द्वार खुलेंगे

इससे औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेगी और पर्यटन स्थल सीधे जुड़ेगे। हालांकि बीएमआर में शामिल 6 जिलों में से किसी भी जिले के सभी नगरों को शामिल नहीं किया है। इससे उन्हें ट्रांसपोर्टेशन और अन्य विकास कार्यों का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन यहां के लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे, क्योंकि इसमें शामिल नगरों में आइटी पार्क व स्पेशल इकोनोमिक जोन का विकास होगा। यह प्रोजेक्ट भोपाल, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, सीहोर, राजगढ़ व आसपास के कस्बों को मध्यभारत के प्रमुख आर्थिक केंद्र में बदलेगी।

ये औद्योगिक क्षेत्र शामिल

बीएमआर में गोविंदपुरा, अचारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया, टेक्सटाइल पार्क, बगरौदा और आइटी पार्क शामिल हैं। सीहोर जिले के बड़ियाखेड़ी, बुधनी, औद्योगिक क्षेत्र और रायसेन जिले के आष्टा एग्रो प्रोसेसिंग, पचामा मंडीदीप व प्लास्टिक पार्क तामोट को शामिल किया है। नर्मदापुरम जिले के फूड पार्क बाबई और मोहासा बाबई एनर्जी पार्क व राजगढ़ के पीलूखेड़ी औद्योगिक और विदिशा का जांबर बांगरी औद्योगिक क्षेत्र को शामिल किया है।

6 से अधिक एमएसएमई के औद्योगिक पार्क और क्लस्टर शामिल हैं। इससे विनिर्माण, आइटी, लॉजिस्टिक्स, वस्त्र उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, आइटी, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण व पर्यटन क्षेत्रों में करीब 10 लाख रोजगार पैदा होंगे।

मेट्रोपॉलिटन रीजन में निगम का नया सेटअप

भोपाल को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की दिशा में नगरीय प्रशासन संचालनालय ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। संचालनालय ने नगर निगम कमिश्नर को पत्र जारी कर शहर में मौजूद बीएमसी के सभी प्रकार के इंजीनियर्स की लिस्ट तैयार करने कहा है। इंजीनियर वर्ग को मेट्रोपॉलिटन रीजन में अलग-अलग जिम्मेदारी दी जानी हैं। एमपीआर में चार बिल्डिंग परमिशन सेल बनाई जानी है जिसके लिए सिविल कैडर से चार सिटी प्लानर बनेंगे। सीवेज, पार्किंग, रोड, ट्रैफिक, लाइटिंग जैसे कामों के लिए अलग-अलग कार्यपालन यंत्री निर्धारित किए जाएंगे जिनके निर्देशन में टीम काम करेगी।

केबिनेट में होगी चर्चा

अभी नगर 85 वार्ड में काम चलाऊ व्यवस्था पर टिका है। नगरीय प्रशासन विभाग के मसौदे पर केबिनेट में चर्चा होगी। मंजूरी मिलते ही इसे नए सिस्टम में शामिल कर लिया जाएगा। इसका सीधा फायदा नगर निगम के लंबित प्रोजेक्ट में तेजी आने के रूप में मिलेगा। नगर निगम में सीएम हेल्प लाइन की शिकायतों में एक बार फिर सबसे नीचे आया है। इसी प्रमुख वजह कम इंजीनियर, विकास कार्य ठप होने को माना जा रहा है। नगर परिषद की बैठक में पार्षदों ने इस बात को प्रमुख से सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया था।

Around The Web

Trending News

You May Also Like