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लाड़ली बहनों के चेहरे पर मुस्कान: हर महीने 5000 रुपये देने का सरकार का बड़ा ऐलान

भोपाल मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए राहत और उम्मीद की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संकेत दिए हैं कि सरकार भविष्य में योजना की मासिक सहायता राशि को बढ़ाकर 5000 रुपये तक ले जाने को तैयार है। यह बात उन्होंने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों का …
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भोपाल
मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए राहत और उम्मीद की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संकेत दिए हैं कि सरकार भविष्य में योजना की मासिक सहायता राशि को बढ़ाकर 5000 रुपये तक ले जाने को तैयार है। यह बात उन्होंने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कही। आइए जानते हैं कि सीएम मोहन यादव ने और क्या कुछ कहा है।
विपक्ष पर पलटवार, योजना जारी रहने का भरोसा

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष बार-बार तीन हजार रुपये की मांग उठा रहा है और योजना बंद होने की आशंका जता रहा है, जबकि हकीकत यह है कि सरकार ने शुरुआत से ही राशि को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया है। उन्होंने याद दिलाया कि जून 2023 में लागू हुई योजना को लेकर चुनाव के समय भी शंकाएं जताई गई थीं, लेकिन सरकार ने लगातार भुगतान जारी रखा।
 
2028 तक 5000 रुपये का लक्ष्य
सीएम ने बताया कि पहले बहनों को 1000 रुपये दिए गए, फिर 1250 और अब 1500 रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा इसे यहीं रोकने का नहीं है 2028 तक 5000 रुपये प्रतिमाह देने की दिशा में काम किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने नारी सशक्तिकरण पर विपक्ष से रचनात्मक सुझाव भी मांगे, ताकि कामकाजी महिलाओं की आय 10 से 15 हजार रुपये तक पहुंचाने के प्रयास किए जा सकें।
  
मुख्यमंत्री ने अपने विचारों का वीडियो X पर साझा करते हुए लिखा कि लाड़ली बहनों को सहायता राशि लगातार मिल रही है और आगे भी इसमें बढ़ोतरी जारी रहेगी। उसमें उन्होंने लिखा है, कि विपक्ष कहता है कि लाड़ली बहना योजना बंद हो जाएगी, लेकिन हमारी बहनों को लगातार रुपए दिए जा रहे हैं। लाड़ली बहनों को सबसे पहले 1000 रुपए दिए, फिर 1250 रुपए, इसके बाद बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिए हैं। अब और आगे बढ़ाते रहेंगे।
 
अगली किस्त का इंतजार
जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में योजना की 31वीं किस्त 9 तारीख को जारी की गई थी। ऐसे में अब 32वीं किस्त को लेकर महिलाओं में उत्सुकता बनी हुई है। अनुमान है कि यह नए साल में 10 जनवरी तक आ सकती है, हालांकि सरकार की ओर से अभी आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है।

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