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लाल किला बम धमकी से डिजिटल अरेस्ट का खेल, MP में बेटी की सूझबूझ ने जूता व्यापारी की जान बचाई

मुरैना दिल्ली के लाल किला बम विस्फोट में आतंकियों का साथी बताकर साइबर ठगों ने मध्य प्रदेश के मुरैना में एक जूता व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की कोशिश की। हालांकि व्यापारी की बेटी की समझदारी और सतर्कता से यह साजिश नाकाम हो गई। बेटी ने समय रहते हालात को भांप लिया और अपने …
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मुरैना
दिल्ली के लाल किला बम विस्फोट में आतंकियों का साथी बताकर साइबर ठगों ने मध्य प्रदेश के मुरैना में एक जूता व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की कोशिश की। हालांकि व्यापारी की बेटी की समझदारी और सतर्कता से यह साजिश नाकाम हो गई। बेटी ने समय रहते हालात को भांप लिया और अपने पिता को मानसिक उत्पीड़न व आर्थिक नुकसान से बचा लिया। मुरैना शहर के ओवरब्रिज के नीचे स्थित मार्केट में जूता-चप्पल की दुकान चलाने वाले इस्लामपुर निवासी 55 वर्षीय रामसेवक शिवहरे के वाट्सएप पर सुबह करीब 11:30 बजे मोबाइल नंबर 9620122894 से वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को पुलिस अधिकारी बताकर वर्दी में नजर आया। वह बड़ी मेज और कुर्सी पर बैठा था और पीछे तिरंगा झंडा लगा हुआ था।
 
वीडियो कॉल करने वाले ने अपना नाम अभिषेक वर्मा बताते हुए कहा कि वह दिल्ली के लाल किला थाने की क्राइम ब्रांच से बोल रहा है। उसने रामसेवक को बताया कि बीते महीने दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके में उनका नाम सामने आया है। ठग ने दावा किया कि पकड़े गए आतंकी डॉक्टरों ने रामसेवक को अपना साथी बताया है। यह सुनते ही रामसेवक घबरा गए।

डर का फायदा उठाते हुए ठग ने उन्हें दुकान छोड़कर तुरंत घर जाने और अकेले कमरे में बात करने को कहा। रामसेवक स्कूटी से घर पहुंचे और दूसरी मंजिल के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया। इसके बाद करीब 15 से 20 मिनट तक ठग उनसे लगातार बातचीत करता रहा। इस दौरान उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से बचाने का झांसा देकर रामसेवक से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते की जानकारी, सालभर की कमाई और परिवार से जुड़ी तमाम जानकारियां हासिल कर लीं।

उधर, रामसेवक की बेटी प्रमिला को शक तब हुआ जब पापा सुबह 11 बजे दुकान से घर आ गए, जो आमतौर पर नहीं होता था। घर के बाहर स्कूटी खड़ी दिखी, लेकिन वे काफी देर तक बाहर नहीं आए। ऊपर जाकर देखा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। भीतर से मोबाइल पर घबराई हुई आवाज में बात करने की आवाज आ रही थी। वह कह रहे थे “साहब, मेरा किसी से कोई लेना-देना नहीं है।”

बेटी ने तुरंत मां को बताया और दोनों ने मिलकर काफी मशक्कत के बाद दरवाजा खुलवाया। अंदर रामसेवक बेहद डरे हुए थे और वीडियो कॉल अभी भी चालू थी। जैसे ही ठग ने परिवार की आवाज सुनी, उसने तुरंत कॉल काट दी। इसके बाद उसने कई बार वीडियो कॉल करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने फोन नहीं उठाया। बेटी प्रमिला ने बताया कि जिस तरह से ठग ने उनके पिता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अगर समय रहते वे कमरे में नहीं पहुंचते तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। परिवार ने पूरे मामले की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई है।

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