विरासत के साथ विकास का स्वर्णिम अध्याय लिख रहा मध्यप्रदेश : विधायक शर्मा
विधानसभा के 8वें सत्र में गूंजा सांस्कृतिक पुनर्जागरण का शंखनाद
भोपाल
भारत माता को परम वैभव के शिखर पर प्रतिष्ठित करने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के "विरासत भी, विकास भी" के महामंत्र और मध्यप्रदेश के "धर्म-ध्वज वाहक" मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भगीरथ प्रयासों से प्रदेश में एक नए 'सांस्कृतिक अभ्युदय' का सूर्योदय हो चुका है। विधानसभा के अष्टम सत्र के दौरान पूर्व प्रोटेम स्पीकर और हुजूर विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में मोदी-मोहन की डबल इंजन सरकार की इस युगांतकारी यात्रा का विषद चित्रण किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी-मोहन सरकार केवल 'शासन' नहीं, बल्कि 'साधना' कर रही है, जिसके फलस्वरूप मध्यप्रदेश भारत की 'सांस्कृतिक चेतना का स्पंदन' बन गया है।
विधायक श्री शर्मा ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस सांस्कृतिक अनुष्ठान का आरंभ काशी और अयोध्या से किया, उसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश की पुण्य धरा पर मूर्त रूप दे रहे हैं। मोहन सरकार का विजन स्पष्ट है—मध्यप्रदेश को भारत का 'आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र' बनाना। इस दिशा में 'श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास' के माध्यम से भगवान श्रीराम के पदचिह्नों को सहेजा जा रहा है, तो वहीं 'श्रीकृष्ण पाथेय न्यास' के जरिए भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन और संबंधित स्थलों को विश्व पटल पर स्थापित करने का महायज्ञ चल रहा है।
विधायक श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 'लोकों' का निर्माण आस्था और अर्थव्यवस्था के संगम का प्रमाण है। महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में 'ममलेश्वर लोक', ओरछा में 'रामराजा लोक' और सलकनपुर में 'देवी लोक' जैसे 20 लोकों का निर्माण 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है। प्रदेश के सांस्कृतिक विकास में नदियों के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी संस्कृति में नदियाँ केवल जलधाराएँ नहीं, बल्कि सभ्यता की धमनियां हैं, और सरकार इनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
पर्यटन और आर्थिक प्रगति के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए विधायक श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में जहाँ 11 करोड़ पर्यटकों ने भ्रमण किया, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 14 करोड़ के पार पहुँच गई है। सिंहस्थ-2028 के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उज्जैन के पास 18 ग्रामों को 'पर्यटन ग्राम' के रूप में विकसित किया जा रहा है।
विधायक श्री शर्मा ने बताया कि कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए 'पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा' और 'हेली पर्यटन सेवा' जैसी अनूठी पहल शुरू की गई है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को भी सुगम यात्रा का लाभ मिल रहा है।
अपने उद्बोधन के समापन में विधायक श्री शर्मा ने 'विकसित भारत-2047' के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य देश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10% करना है। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश एक ऐसा गंतव्य बनेगा, जहाँ दुनिया केवल घूमने नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को अनुभव करने आएगी।

