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सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त शिवेन्द्र देव पांडेय के प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच की माँग

भोपाल मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग राजपत्रित अधिकारी संघ द्वारा आज माननीय मुख्यमंत्री, माननीय सहकारिता मंत्री, अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन), प्रमुख सचिव (सहकारिता), महानिदेशक (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ को ज्ञापन सौंपकर शिवेन्द्र देव पांडेय, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, सागर संभाग, के विरुद्ध दर्ज प्रकरण की उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जांच की माँग की गई …
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भोपाल
 मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग राजपत्रित अधिकारी संघ द्वारा आज माननीय मुख्यमंत्री, माननीय सहकारिता मंत्री, अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन), प्रमुख सचिव (सहकारिता), महानिदेशक (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ को ज्ञापन सौंपकर  शिवेन्द्र देव पांडेय, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, सागर संभाग, के विरुद्ध दर्ज प्रकरण की उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जांच की माँग की गई है।

 पांडेय को 23 जुलाई 2025 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा कथित भ्रष्टाचार के आरोप में 50 हज़ार रुपये लेने का प्रकरण दर्ज  किया गया था, परंतु 23 जुलाई को न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत प्रदान कर दी गई। संघ का कहना है कि यह प्रकरण पूर्व नियोजित, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने पूर्व में सेवा सहकारी समिति पनवारी में सेल्समैन नियुक्ति हेतु आवेदन दिया था, एवं चूँकि यह उनके अधिकार क्षेत्र का कार्य नहीं रहा अतः नियमानुसार कार्यवाही हेतु श्री पांडेय द्वारा उसे संबंधित जिला कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दे दिए गए थे।

गौरतलब है कि शिकायत कर्ता के आवेदन में संलग्न समिति का प्रस्ताव अहस्ताक्षरित था तथा समिति द्वारा जारी नहीं किया गया था। संघ का कहना है कि घटना स्थल पर EOW टीम द्वारा प्रकरण दर्ज करने के लिए श्री पांडेय के हाथ के पृष्ठ भाग में जबरदस्ती कर  रकम स्पर्श करायी गई एवं कार्यालय के कुछ कर्मचारियों के साथ जोर ज़बरदस्ती भी की गई जिस पर पुलिस सहित उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है । सहकारिता विभाग एवं प्रदेश की सहकारी समितियों में ऐसी कार्यवाही से भय एवं आक्रोश का वातावरण व्याप्त है। स्पष्ट है कि यह कार्यवाही षड्यंत्रपूर्वक की गई है। 

संघ ने मांग की है कि पांडेय जी की निष्कलंक छवि और उनकी वर्षों की ईमानदार सेवाओं को देखते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय, समयबद्ध और निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और सच्चाई सामने आ सके।

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