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मंत्री श्री सारंग ने कहा कि कोविड के बाद हर विधा में नवीनता की आवश्यकता है, जैसे मेंटल हेल्थ काउंसलर, स्पोर्ट्स मेडिसिन आदि।

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चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने निर्देश दिये हैं कि मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद नवाचार कर नये उपयोगी पाठ्यक्रमों को भी शामिल करे। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता को देखते हुए युवाओं को सही समय पर अच्छा रोजगार मिले और वे समाज को अपनी सेवाएँ दे पाये। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इसके लिये कमेटी बना कर काम किया जाये, जिसमें डीएमई सहित मेडिकल कॉलेज के डीन भी शामिल हों। वे सुझाव दें कि नया क्या किया जा सकता है। मंत्री श्री सारंग मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि कोविड के बाद हर विधा में नवीनता की आवश्यकता है, जैसे मेंटल हेल्थ काउंसलर, स्पोर्ट्स मेडिसिन आदि। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि नर्सिंग एवं पैरा-मेडिकल स्टॉफ बेहतर प्रशिक्षित होगा, तभी अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ दे सकेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि पेंडिंग स्कॉलरशिप के संबंध में आवश्यक कार्यवाही एक माह के अंदर पूर्ण करें, इसके लिये एक हफ्ते में रिव्यू रिपोर्ट प्रस्तुत करें। छात्रवृत्ति पोर्टल खुलने की सूचना भी कॉलेज संचालक और विद्यार्थियों को पहले से हो। सह-चिकित्सीय संस्थाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिये प्रोजेक्ट एक्टिविटी करें। साथ ही साल भर की एक्टिविटी का एक निर्धारित केलेण्डर तैयार किया जाये। एक्टिविटी के लिये संभागीय मुख्यालयों को भी जोड़ा जाये।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि परिषद में पिछले 5 साल में रजिस्टर हुए लोगों के रोजगार के अनुपात का आकलन करना भी जरूरी है कि वह ट्रेनिंग लेकर उसी विधा में नौकरी कर रहे हैं या नहीं। ट्रेनिंग हासिल कर जो सीखा है, उसे सोसायटी को देने के लिये उन्हें मोटिवेट करना होगा।

आयुष आयुक्त श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर, चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. अरुण श्रीवास्तव, सदस्य सचिव एवं रजिस्ट्रार डॉ. शैलोज़ जोशी, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. अंकित श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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