Anant TV Live

कहानी-शतरंज के खिलाड़ी शताब्दी वर्ष में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ेंगे इस कहानी से

 | 
as
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की कलम से कालजयी कहानियां और उपन्यास सृजित हुए हैं। उनकी हर रचना अनमोल है। उन्होंने अक्टूबर 1924 में ‘शतरंज के खिलाड़ी’ नामक महान कहानी लिखी थी। यह उस समय की प्रसिद्ध पत्रिका ‘माधुरी’ में प्रकाशित हुई थी। यह महान कहानी अब सौ वर्ष की होने वाली है। यह आज भी पाठकों को बांधती है और 1857 की क्रांति के पूर्व के उस दौर में ले जाती है, जब साम्राज्यवादी अंग्रेज भारत का शोषण कर रहे थे और अवध के नवाब के जागीरदार भोग-विलास में लगे हुए थे। ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा परीक्षा पूर्व तैयारी श्रृंखला में विद्यार्थियों से कॅरियर काउंसलर डाॅ. मधुसूदन चौबे ने कहीं। युवाओं को जोड़ेंगे इस कहानी से कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया एवं वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि इस कहानी के शताब्दी वर्ष मे ंहम अधिक से अधिक युवाओं को इस कहानी से जोड़ेंगे। इस पर परिचर्चाएं, क्विज, समीक्षा, वाचन आदि का आयोजन करेंगे। साथ ही इसका नाट्य रूपांतरण कर उसे मंचित करने का भी प्रयास करेंगे। कई साहित्यकारों और उनकी रचनाओं पर हुई चर्चा डाॅ. चौबे ने आज मैथिलीषरण गुप्त और उनकी कविता मातृभूमि, मुंशी प्रेमचंद और उनकी कहानी शतरंज के खिलाड़ी, शरद जोशी और उनकी व्यंग्य रचना जीप पर सवार इल्लियां, रामधारी सिंह दिनकर और उनका निबंध भारत एक है, आचार्य रामचंद्र शुक्ल और उनका निबंध उत्साह आदि पर चार घंटे चर्चा की। सहयोग अंकित काग, स्वाति यादव, सुरेश कनेश आदि ने दिया।

Around The Web

Trending News

You May Also Like