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जिस तरीके से शराबबंदी कानून को लागू किया गया वो हास्यास्पद

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नालंदा में जहरीली शराब पीने से सात लोगों के मौत पर एनडीए की प्रमुख सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट में शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कही थी. शनिवार को यह घटना घटने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि सरकार को शराबबंदी की समीक्षा करनी चाहिए. सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी है और शराब माफिया प्रदेश में अपना अवैध कारोबार फैला रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से शराबबंदी कानून को लागू किया गया वो हास्यास्पद है. गरीब लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है, और शराब का काला कारोबार करने वाले लोगों तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है. शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों में सीमित दिखाई पड़ रही है. इस कानून में कई त्रुटियां हैं.

सम्राट अशोक के मुद्दे पर भी BJP-JDU आमने-सामने

दरअसल बीजेपी के नेता अकेले नालंदा में जहरीली शराब से मौत को लेकर ही बिहार सरकार पर हमलावर नहीं हैं. बल्कि सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से किए जाना भी दोनों पार्टियों (जेडीयू और बीजेपी) के बीच बढ़ती तल्खी का बड़ा कारण है. हालांकि यह विवाद बढ़ता देख जेडीयू की ओर से आग पर पानी डालने की कोशिश करते हुए पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक ने एक ट्वीट किया गया था.

अजय आलोक ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘उलझने के लिए पूरा विपक्ष हैं बिहार बीजेपी के मित्रों, आपस में ऊर्जा लगाने की जरूरत नहीं है, सुशील मोदी जी की बात अर्थपूर्ण हैं. उन पर अमल पूरे एनडीए को करना चाहिए, अभी ऊर्जा उत्तर प्रदेश में लगाए ताकि टीपू (अखिलेश यादव) के सुल्तान बनने का सपना पूरा ना हो और योगी जी के योग का लाभ यूपी और देश को मिले.’

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