anant tv

भोपाल में अपने तरह की पहली खेती को उद्यानिकी विभाग के अफसर भी मॉनिटर कर रहे हैं। विभाग के अधिकारी एलसी बकोरिया ने बताया कि यहां एक तालाब पर विभाग ने सब्सिडी दी है। 

 
as

खेती को उन्नत तरीके से किया जाए तो वह लाभ का धंधा बन जाती है। इंग्लैंड से बिजनेस की पढ़ाई पूरी करने के बाद हर्षित गोधा ने भोपाल एयरपोर्ट के पास 5 एकड़ जमीन में नए जमाने की खेती का प्लान किया। इसके लिए हर्षित इजरायल गए और एक माह तक रूककर खेती की जानकारी ली। वहां गर्म तापमान में पैदा होने वाले ड्रैगन फूट की लाल किस्म सियाम रेड को भोपाल में अपने खेत में लगाने के लिए चुना।

इजरायल में जहां ड्रैगन फ्रूट की खेती की करीब एक माह तक पूरी प्रक्रिया को सीखा। हर्षित के अनुसार ड्रैगन फ्रूट्स की खेती में तीन साल तक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।, इसके बाद यह पौधा हर साल फल देता है। हर्षित ने एयरपोर्ट के पास प्रति एकड़ 500 पोल दस से बारह मीटर की दूरी में लगाए खास किस्म के सीमेंट के पोल पर प्लास्टिक का चौकोर पाइप कवर लगाया। एक पोल पर चार पौधे लगाए । पांच एकड़ में 2500 पोल पर दस हजार पौधे लगाए गए हैं।

हर्षित बताते हैं कि एक किस्म का ड्रैगन फ्रूट लगाया है। उसका इस बार तीसरी साल है। अगस्त से तीन माह तक एक पोल पर कम से कम करीब दस किलो ड्रैगन फूट लगने का अनुमान है। इस तरह एक एकड़ में लगे 500 पोल पर पांच हजार किलो पैदावार होगी। बाजार में 80 रुपए किलो से भी इसे बेचा तो एक एकड़ में चार लाख की फसल बेचने का अनुमान है। इस तरह पांच एकड़ में 20 लाख की आय हो सकती है। एक बार निवेश के बाद इसकी देखरेख बेहद जरूरी है। पानी के लिए ड्रिप भी लगाई गई हैं। पिछले वर्ष दूसरे साल में ही काफी फल आया था जिसे बाजार में बेचा गया।

भोपाल में अपने तरह की पहली खेती को उद्यानिकी विभाग के अफसर भी मॉनिटर कर रहे हैं। विभाग के अधिकारी एलसी बकोरिया ने बताया कि यहां एक तालाब पर विभाग ने सब्सिडी दी है। आगे जो भी संभव मदद होगी की जाएगी।

From around the web