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विकसित उत्तर प्रदेश 2047: उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप क्रांति को गति देते सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

विकसित उत्तर प्रदेश 2047: उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप क्रांति को गति देते सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का नया दौर लैब सुविधा, मेंटरशिप, टेस्टिंग और नेटवर्किंग से युवाओं को वैश्विक स्तर की तकनीक का अवसर लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर …
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विकसित उत्तर प्रदेश 2047: उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप क्रांति को गति देते सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का नया दौर

लैब सुविधा, मेंटरशिप, टेस्टिंग और नेटवर्किंग से युवाओं को वैश्विक स्तर की तकनीक का अवसर

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से उस दिशा में अग्रसर है जहां नवाचार, अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीक, विकास के आधार स्तंभ बनेंगे। प्रदेश में 07 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भारत की तकनीकी अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह स्टार्टअप क्रांति को गति देने का काम कर रहे है। सरकार का यह कदम स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बना रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की ओर कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विज़न है कि नया उत्तर प्रदेश ज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के आधार पर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बने।

उत्तर प्रदेश सरकार ने थीम आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को स्वीकृति दी है। ये केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,  ब्लॉकचेन, मेडटेक, टेलीकॉम, ड्रोन, एडिटिव, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। प्रदेश सरकार का मानना है कि इन अत्याधुनिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवा विश्व स्तरीय स्टार्टअप खड़े कर सकेंगे और प्रदेश को नए रोजगार अवसरों का बड़ा केंद्र बनाएंगे। सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस  में चयनित प्रोडक्ट आधारित स्टार्टअप को जो सुविधाएं प्रदान की जा रही है उनमें उच्च स्तरीय लैब, को-वर्किंग स्पेस, रिसर्च सपोर्ट, प्रोडक्ट टेस्टिंग और विशेषज्ञ मेंटरशिप शामिल हैं। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रतिभाशाली युवा को संसाधनों के अभाव में पीछे हटना पड़े। 

सरकार की ओर से इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए वित्तीय सहायता का भी मजबूत ढांचा तैयार किया है। इसमें पूंजीगत और इनके संचालन पर व्यय के लिए  अनुदान उपलब्ध कराया है। सरकार का मॉडल यह है कि पहले पांच वर्षों तक इन्हें सहायता देकर इनकी नींव को सुदृढ़ किया जाए, बाद में यह स्वयं के नवाचार और साझेदारियों के द्वारा भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें। आईटी एवं स्टार्टअप सेक्टर के कंसलटेंट सुनील गुप्ता का कहना है कि सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का प्रभाव केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है,  बल्कि स्वास्थ्य कृषि, शिक्षा और स्वच्छता जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भी तकनीक आधारित समाधान इनके द्वारा विकसित किए जा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थापित 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस क्षेत्रीय विकास को भी गति दे रहे हैं।  जिससे छोटे शहरों के युवाओं को भी विश्व स्तरीय सुविधाएं अपने ही प्रदेश में ही उपलब्ध हो रही है।

क्या है सेंटर आफ एक्सीलेंस…

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आधुनिक अर्थव्यवस्था का इंजन कहा जाता है । यह ऐसे विशेषीकृत संस्थान होते हैं जो किसी एक उन्नत तकनीक या क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण, उत्पाद, विकास और उद्योग सहयोग के केंद्र के रूप में काम करते हैं। यहां पर स्टार्टअप और युवा उद्यमियों को उच्च स्तरीय लैब  सुविधाएं,  प्रोडक्ट परीक्षण, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और उद्योग जगत से नेटवर्किंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। 

उत्तर प्रदेश के सात सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस…
  
– गौतमबुद्ध नगर में सीओई ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

– लखनऊ में मेडटेक सीओई

– कानपुर नगर में सीओई टेलिकॉम (5जी/6जी)
 
– गौतमबुद्ध नगर में सीओई-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इनोवेशन ड्रिवेन एंटरप्रेन्योरशिप (एआईआईडीई)

– सहारनपुर में सीओई टेलिकॉम (5जी/6जी) 

– कानपुर नगरमें सीओई अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी)/ ड्रोन टेक्नोलॉजी

– गाज़ियाबाद में सीओई एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग

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